Tuesday, March 14, 2006

शेरो-शायरी 2

शेरो-शायरी

कह दिया उन्होने, कर दो दिल का दर्द बयान,
आज वोह भी आसूओका मतलब समझते है.

हर बूंद का मतलब आसू नही होता.
हर लकीर का मतलब किस्मत नही होता.

हर चाहत क मतलब पाना नही होता.
हर रीश्ते का मतलब नीभाना नही होता.




२२.०२.२००६

कैसे कहु के प्यार नही तुझसे,
कैसे कहु के प्यार नही तुझसे,
येह खुदाई तो नहि के झुठ्ला दू.

०५०३०६

कुछ कशीश होती, कुछ कयामत होति,
मेरे इश्क मै भी बरसात होती.
कुछ मेरी जुस्तजू, कुछ तेरी इनायत होती.

तु मांगने से मिलती तो मै भिकारी बन जाता,
तु जितने से मिलती तो मै राजा बन जाता,
पर तु तो मेरि हार थी मांगे बगैर ही मुझसे जुड गयी,

सोचता हू के तुझे भूला दूं, हर बार भूलने के लीये तुझे याद करता हूं

११/२/२००४


क्यों तुम्हे पसंद नही आयी खुशी मेरे चेहरे पर,
तुम भी आ गये जालीम इस दुनिया मै, जहा लोग रहते है...

अगर दिल से सोचो तो प्यार नजर आता है ,
अगर दिल से देखो तो यार नजर आत है,
लब तो आपके सिले हुए से है,
हमैं आपकि आखो मै एकरार नज़र आत है,

तुम्हे देखा तो भूल गये के कुछ होता है जिंदगी मै प्यार के सिवा.
तेरे जाने के बाद जिंदगी ही तो ढुंढ्ते है सनम,

जबसे से तुम्हे देखा, हमै भी यकीन हुआ प्यार मै,
दिल टूटने के बाद हुमने बेवफ़ाइ भी सीख ली.

तेरे दर से होकर मायूस जा रहे है,
मगर अकेले जाने का गम नहि,
कभि हमने आप मै ही खुशी पायी थी,
मगर आज दिल मै उम्मीदो की कमी भि नही,

तुमसे ही सिखा था प्यार,
तुमसे ही किया एकरार,
तुमसे ही थी की चाहत ,
पायी तुमीसी हि बेवफ़ैई भि.

तुमसे हि थि आशा मेरी,
तुमसे हि थि ख्वाहिश मेरी,
तुम्हारी हि कि तमन्ना मैने,
पायी तुमसे हि बेकरारि भि

तुमसे हि शुरु हुइ थी जिंदगि,
तुमसे हि शुरु हुइ थि धडकने,
तुमसे हि शुरु हुइ थि जवानी,
पायी तुम्हि से जुदाइ भि,

तुमसे हि थि हसी,
तुमसे हि खुशि,
तुमही ने किया आबद हमै,
पायी तुम्हीसे तन्हाइ भि,


किया प्यार उससे मगर एकरार न कर पाये,
जमाने से लढने वाले, हार गये खुद से ही.

कब्र पर मेरि फूल थे हज़ार, दर्द भि थ आखोम मैन,
अश्को के इन्तेजार मै, हुम आसू भि पी गये ,

प्यार क्या होता है,
ये समज़ ने कि जूस्तजू कि.
जब पता चला तो देर हो गयी.

कर न पाये इजहार कभि, इन्कार के डर से,
आज रोज़ नया चेहरा लगाते है, अपनि हार छुपाने के लिये.


जब वोह पास थि तब बहुत दूर भागे,
सोचा, है हम भि खुश है आज,
अभि मुड के देखो तो जिन्दगि बहोत दूर नजर आयी.

जब वोह पास थि, हम दामन चुराये बैठे थे.
मुड के देखा तो हमै जिन्दगि जाते हुइ नजर आयी.


वोह मेरि हो सकति थि,अगर उस वक्त खुद को छोडा होता,
अब तो तनहाइ भि अपनि नहि रहि.

ए खुदा एक बार उसका दीदार करा दे,
आजकल तनहई भि अकेलि होति हैन,

0 Comments:

Post a Comment

<< Home